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ओमेगा 3 के फायदे
आज के समय में शरीर को स्वस्थ रखना अत्यंत आवश्यक हैं। क्योंकि वातावरण का प्रभाव भी हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा रहें है। खाद्य पदार्थों में मिलावट युक्त भोजन करने से भी हमारे शरीर में अनेक प्रकार की बीमारियों काआगमन हो जाता है। ओमेगा 3 बहुत से रोगो में लाभदायक है।
हो सकता है कि आप भी इसके गुण के बारे में पहली बार पढ़ रहे हो, अगर सही में ऐसा है तो आपको यह जानना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसकी कमी से बहुत गंभीर नुकसान हो सकता है। यह एक फैटी एसिड है। यह स्वस्थ शरीर के लिए बेहद जरुरी माना जाता है। यह शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के खाद्य पदार्थों मे पाया जाता है। यहअखरोट सूखे मेवों, अलसी, सरसों के बीज, सोयाबीन, स्प्राउट्स,ब्रोकली, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियां और स्ट्रॉबेरी जैसे कई फलों में भी अधिक मात्रा में पाया जाता है।
ओमेगा-3 क्या है? (What is Omega 3?)

यह पालीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड का ग्रुप है। जो शरीर के मेम्ब्रेन के लिए सबसे अहम तत्व है। हमारे शरीर के अंदर की कोशिकाओं को यह चारों तरफ से घेरे रहता है। यह मुख्य रुप से तीन भागों में बटें होते है।
1. अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA)- यह एक आवश्यक ओमेगा-3 फैटी एसिड है। यह मानव शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। अखरोट अल्फा-लिनोलेनिक एसिड के सबसे अच्छे स्रोत हैं। यह वनस्पति तेलों जैसे अलसी के तेल, कैनोला के तेल और सोयाबीन के तेल के साथ-साथ रेड मीट और डेयरी उत्पादों में भी पाया जाता है। यह मुख्य रुप से हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोगों का इलाज के लिए जाना जाता है।
कुछ लोग कैंसर से बचाव के लिए अल्फा-लिनोलेनिक एसिड का इस्तेमाल करते हैं। विडंबना यह है कि अल्फा-लिनोलेनिक एसिड वास्तव में कुछ पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा बढ़ा सकता है। आपने शायद अन्य ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे ईपीए और डीएचए के बारे में बहुत कुछ सुना होगा, जो मछली के तेल में पाए जाते हैं। सावधान रहें सभी ओमेगा -3 फैटी एसिड शरीर में समान रूप से कार्य नहीं करते हैं। अल्फा-लिनोलेनिक एसिड के ईपीए और डीएचए के समान लाभ नहीं हो सकते हैं।
2. इकोसैपेंटेनोइक एसिड(EPA)- इसका उपयोग हाइपरट्राइग्लिसराइंडिया के इलाज के लिए किया जाता है। इसे ओमेगा-3 फैटी एसिड एइसेकेपेंटेनोइक एसिड से बनाया गया है। यह मछली के मांस में पाया जाता है, जिसमें मैकेरल, हेरिंग, टूना, हलिबूट, सैल्मन, कॉड लिवर, व्हेल ब्लबर या सील ब्लबर शामिल हैं। ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने के लिए EPA का उपयोग प्रिस्क्रिप्शन दवा के रूप में किया जाता है।
संक्रमण को कम करने, घाव भरने में सुधार करने और ठीक होने में लगने वाले समय को कम करने के लिए सर्जरी के बाद आरएनए और एल-आर्जिनिन के संयोजन में ईकोसापेंटेनोइक एसिड का उपयोग किया जाता है। उच्च रक्तचाप के लिए इसका उपयोग एक अन्य फैटी एसिड, गामा-लिनोलेनिक एसिड के संयोजन में भी किया जाता है।
3. डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड(DHA)- यह एक ओमेगा-3 फैटी एसिड है। जो गर्भावस्था और बचपन के समय मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक है। यह बेहतर हृदय स्वास्थ्य, दृष्टि, और कम सूजन करने में भी सहायक है। लंबी श्रृंखला वाला ओमेगा -3 फैटी एसिड पूरे शरीर में कोशिका झिल्ली में पाया जाता है और तंत्रिकाओं के बीच संदेश प्रसारित करने में मदद करता है।
ओमेगा-3 के 10 फायदें (Omega 3 Benefits in Hindi)
1. त्वचा के लिए फायदेंमंद है ओमेगा-3 (Omega-3 benefits for skin)

ओमेगा-3 फैटी एसिड (omega 3 fatty acid) कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले आवश्यक पोषक तत्व हैं। जो आपके त्वचा को तेल मुक्त करके संतुलित और सुंदर त्वचा प्रदान करते है। जब आपके चेहरे और त्वचा पर किसी तरह की झूरियां दिखाई नही पड़ेगी,तो आपकी उम्र का अंदाजा भी लगाना संभव नही हो पाता है। इस प्रकार यह आपकी उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने का काम भी कर सकते हैं। ओमेगा-3 रूखी त्वचा को मुलायम बनाने में भी मदद करता है, और जलन और जिल्द की सूजन पर सुखदायक प्रभाव डालने सहायक होता है।
2. लीवर में फैट कम करने के लिए फायदेंमंद

एक शोध के द्वारा यह पता चला कि ओमेगा -3 की खुराक लेना वाले वह रोगी जो गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (एनएएफएलडी) वाले कुछ रोगियों के लिए यह फायदेमंद हो सकता है। यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित परिणामों से पता चला कि सप्लीमेंट लेने के बाद NAFLD रोगियों के रक्त में ओमेगा -3 फैटी एसिड के बढ़े हुए स्तर से लीवर की कार्यक्षमता में सुधार हुआ था। हालांकि, ओमेगा -3 फैटी एसिड के साथ पूरक NAFLD वाले लोगों में लीवर की चर्बी और सूजन को प्रभावी ढंग से कम करता है।
3. बच्चों में अस्थमा को कम करने में सहायक (Helpful in reducing asthma)

आज के समय में अगर बात किया जाए तो ओमेगा-3 और अस्थमा रिसर्च का मुख्य बिंदु रहा है। इसे लेकर कई रिसर्चरों ने इनमें से कुछ गर्भवती महिलाओं के ओमेगा -3 के सेवन का मूल्यांकन किया है। जबकि कुछ ने बच्चों में ओमेगा- 3 के सेवन को लेकर के मूल्यांकन किया है। इन सबको मिलाकर यह निष्कर्ष निकाला गया कि अगर आप पर्याप्त मात्रा में ओमेगा -3 का प्रयोग कर रहें है (omega 3 ke fayde) तो अस्थमा पर इसका निवारक या नियंत्रण प्रभाव पड़ता है।
4. अवसाद और चिंता से लड़ने में सहायक (Helpful in depression and anxiety)

रिसर्चर ओमेगा के एक-एक बिंदु को लेकर कितने वर्षों से इस पर शोध कर रहे है। आपको जानते हुए हैरानी होगी कि पीछले दस से अधिक सालों से रिसर्चर OMEGA-3 के अवसाद पर पड़ने वाले प्रभावों के साथ-साथ अन्य मानसिक और व्यवहारिक स्थितियों का अध्ययन कर रहे हैं। हालांकि अभी जो हम आपको बताने जा रहे है यह शोध बहुत ही तत्काल समय का है। यह शोध आशाजनक भी है। अधिकांश अध्ययन के अनुसार ओमेगा -3 कुछ प्रकार के अवसाद के उपचार में सहायक हो सकता है।
5. हृदय रोग के लिए भी फायदेमंद (Fights heart diseases)

आज के समय में दिल का दौरा और स्ट्रोक दुनियां में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। आज से कई दशक पहले यह पाया गया था कि,जो लोग मछली का सेवन करते है, उनमें यह बीमारी बहुत कम थी। उसके बाद ओमेगा-3 में इसके इस्तेमाल को जोड़ा गया। तब से ओमेगा -3 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य के लिए कई लाभों से जुड़ा हुआ है।
6. कैंसर को रोकने में मददगार (May prevent cancer)

कैंसर मौंत के मुख्य कारणों में से एक है। ओमेगा-3 फैटी एसिड में लंबे समय से कुछ कैंसर के जोखिम को कम करने का दावा किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग सबसे अधिक ओमेगा -3 का सेवन करते हैं, उनमें कोलन कैंसर का जोखिम 55% तक कम होता है। इसके अलावा ओमेगा-3 का सेवन पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में स्तन कैंसर के कम जोखिम से जुड़ा हुआ है। हांलाकि इस पर अलग- अलग रिसर्चर की भिन्न-भिन्न राय है।
7. वजन घटाने में मददगार (Helps in weight loss)

वज़न बढ़ने की समस्या आजकल बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। इससे न केवल हमारे शरीर में ज़्यादा फैट इकठ्ठा होता है, बल्कि हमारे शरीर में बहुत सारी बिमारियों को भी न्योता देता है और तो और यदि एक बार वज़न बढ़ जाये तो जल्दी नियंत्रण में भी नहीं आता है। लोग न जाने क्या क्या नुस्खे अपनाते है वज़न कम करने के लिए। इतना ही नहीं कितने तरह के डाइट एवं एक्सरसाइज भी करते है।
विश्व स्तर पर अगर देखा जाए तो लगभग 39 प्रतिशत वयस्क अधिक वजन वाले है, जबकि 13 प्रतिशत मोटे है। अमेरिका को विकसीत देश कहा जाता है। लेकिन अगर बात अमेरिका की कि जाए तो यहां यह संख्या और अधिक है। अधिक मोटापा मानव शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है,जैसे हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर सहित अन्य बीमारियां मोटापे के कारण आपके शरीर को जोखिम में डाल सकता है।
इसके अलावा कुछ अध्ययनों से यह संकेत मिलता है कि आहार या व्यायाम में अगर मछली के तेल का अगर आप इस्तेमाल करते है तो यह आपके वजन को कम करने में मदद कर सकती है।
8. गर्भावस्था और प्रारंभिक जीवन के समर्थन में सहायक(Helps during pregnancy)

चूकिं ओमेगा-3 शुरुआती वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान और स्तनपान के दौरान माताओं के लिए पर्याप्त ओमेगा -3 प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान मछली के तेल की खुराक लेने से शिशु के दृश्य विकास में सुधार हो सकता है।
9. हड्डीयों के स्वास्थ्य में सुधार में सहायक (Helpful in bone growth)

जब मनुष्य धीरे-धीरे बुढ़ापे की ओर बढ़ने लगता है तो उस अवस्था में शरीर की ह़ड्डिया धीरे धीरे आवश्यक खनिजों को खोना शुरू कर देती है। जिससे कारण उनके टूटने की संभावना बढ़ जाती है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं। हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम और विटामिन डी बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड भी फायदेमंद हो सकता है। कई शोधों से यह पता चलता है कि मछली के तेल की खुराक हड्डियों के टूटने से रोकने में सहायक होती है। तथा हड्डियों से होने वाली बीमारी को रोकने का काम भी करती है।
10. आंखों के लिए फायदेंमंद (Good for eyes)

शायद आपको पता होगा की आपके दिमाग की तरह आंखे भी omega-3 पर निर्भर करती है। अगर आपको पर्याप्त ओमेगा-3 नही मिलता है, तो आने वाले समय में आपको आंखो की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। एक छोटे से शोध में पाया गया कि 19 सप्ताह तक मछली के तेल की उच्च खुराक लेने से सभी एएमडी रोगियों की दृष्टि में सुधार हुआ है। दो बड़े अध्ययनों ने एएमडी पर ओमेगा -3 और अन्य पोषक तत्वों के संयुक्त प्रभाव की जांच की। एक अध्ययन ने सकारात्मक प्रभाव दिखाया, जबकि दूसरे ने कोई प्रभाव नहीं दिखाया। इसलिए, परिणाम अस्पष्ट हैं।
ओमेगा-3 के फायदे और स्त्रोत (Sources of Omega-3)
ओमेगा 3 के बहुत फायदे हैं और ये बहुत से रोगो में लाभदायक है। ओमेगा-3 एक आवश्यक फैटी एसिड हैं जो आपके शरीर के मस्तिष्क, त्वचा, जोड़ों, हड्डियों, बालों, आंखों और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है। आईएं जानते है ओमेगा-3 के घरेलू स्त्रोत के बारे में जो निम्नलिखित है।
1. बींस

बींस में ओमेगा-3 प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। जिसको आप अपनी आहार में आसानी से इस्तेमाल कर सकते है।
2. अलसी सीड्स

अलसी सीड्स स्वाद में कुछ खास़ अच्छा नही लगता है। लेकिन इसमें ओमेगी-3 प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है। इसलिए आप अपनी डाइट में इसका इस्तेमाल कर सकते है।
3. अखरोट

अखरोट, ओमेगा 3 का सबसे अच्छा स्रोत है। क्योंकि 30 ग्राम अखरोट के सेवन से आप 2.6gm ग्राम ओमेगा-3 फैटी एसिड प्राप्त कर सकते हैं।
4. सोयाबीन

आलू और सोयाबीन की सब्जी तो लगभग सभी घरों में बनती है क्योंकि यह दोनों खाद्य पदार्थ बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। रिसर्चगेट के अनुसार सोयाबीन में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा भरपूर रूप से पाई जाती है। इसलिए अगर आप भी ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले स्रोत खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहते हैं तो अपने डायट में सोयाबीन को भी शामिल कर सकते हैं।
5. अंडा

ओमेगा 3 फैटी एसिड अंडे में प्रचूर मात्रा भी पर्याप्त रूप में पाई जाती है। इसलिए अगर आप भी ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले स्रोत खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहते हैं तो अपने डायट में सोयाबीन को भी शामिल कर सकते हैं।
हमने ओमेगा-3 के बारे में बिस्तार से आपको बताया है ताकि आप इसके फायदें, घरेलू स्त्रोतों के बारे में आसानी से समझ सकें। हमें उम्मीद है यह ब्लॉग आपको ओमेगा-3 के सभी पहलूओं को समझाने में कारगर साबित होगा।